-क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर की थी धोखाधडी
-लाकडाउन में आन लाइन हो रहा है ज्यादातर काम
-आनलाइन लेनदेन के चालते सक्रिय हैं साइबर अपराधी
मथुरा। लाकडाउन में अधिकांश कार्य आनलाइन हो रहे हैं। लोग जरूरी काम भी घर से ही कर रहे हैं। यहां तक कार्यालयों में ताले लटके हैं फिर भी काम हो रहे हैं। यह सब आनलाइन हो रहा है। लोग बैंक जाने से भी बच रहे हैं। लेनदेने के काम भी आनलाइन करने को ही तरजीह दे रहे हैं। लाकडाउन में आनलाइन हो रहे लेनदेन के कामों को साइबर अपराधियों ने मौके के तौर पर लिया है। इस लिए इस दौरान साइबर क्राइम की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है।
मथुरा में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया। एसएसपी डा.गौरव ग्रोवर ने इसे संजीदगी से लिया और इसके बाद एक लाख की इस ठगी के साइबर क्राम को मथुरा की पुसिल साइबर सैल ने क्रेक कर आरोपी तक पहुंचने में साफलता हासिल की।
प्रभारी निरीक्षक शुजात हुसैन साइबर क्राइम सेल मथुरा पुलिस ने बताया कि कोरोना संक्रमण संकट के समय भी साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को भ्रमित कर उनसे उनके बैंक खाते एवं क्रेडिट कार्ड की समस्त डिटेल प्राप्त कर धोखाधड़ी की जा रही है।
मधुबन कुलश्रेष्ठ निवासी मोती इंक्लेव औरंगाबाद के साथ 26 मार्च को एक लाचा रूपये की क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी हुई थी। साइबर अपराधी ने मधुबन कुलश्रेष्ठ से क्रेडिट कार्ड अधिकारी बन कर उनसे क्रेडिट कार्ड अपडेट कराने के नाम पर उनके क्रेडिट कार्ड से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त कर ली एवं प्राप्त करने के उपरांत खाते से एक लाख रूपये की धनराशि बैंक से काट ली। साइबर क्राइम सेल ने त्वरित कार्यवाही कर इस साइबर क्राइम को क्रेक कर पीडित को उसकी एक लाख रूपये की धनराेिश वापिस करा दी। इस मामले को खोलने में नितिन कसाना, उपनिरीक्षक जतिन पाल, आरक्षी विपिन कुमार पाल, साइबर क्राइम सेल, आरक्षी विशाल कुमार, साइबर क्राइम सेल ने भी भूमिका निभाई।
एटीम या बैंक जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे मिलेगी सुविधा
मथुरा। लॉकडाउन में अब एटीम एवं बैंक जाने की जरूरत नहीं है। भारतीय डाक विभाग ने कोरोना के चलते व्यवस्थाएं की हैं। लोगों के घर जाकर बैंक खातों से निकासी की सुविधा इंडिया पेमेंट के एईपीएस ऐप के माध्यम से किए जाने की शुरूआत की है। इसमें 10 हजार रुपये रुपये तक खाते से निकाल सकते हैं। डाक विभाग प्रशासन ने प्रधान डाकघर में एवं मंडलीय कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है,